उदयपुर, 3 अक्टूबर 2025।
लेकसिटी उदयपुर (Udaipur) में अब यात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने एक सराहनीय पहल की घोषणा की है। इस पहल के तहत शहर में चल रहे करीब 3000 ऑटो रिक्शा में अब मालिक का नाम, वाहन संख्या, चालक का मोबाइल नंबर, और पुलिस हेल्पलाइन नंबर जैसी जरूरी जानकारी स्पष्ट रूप से स्टिकर के रूप में प्रदर्शित की जाएगी। यह कदम न केवल सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे शहर में यात्रा करने वाले पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को भी पारदर्शिता और विश्वास का अनुभव होगा।
पहल का उद्देश्य और महत्व
उदयपुर जैसे पर्यटन शहर में रोजाना हजारों स्थानीय नागरिक और देश-विदेश से आए पर्यटक ऑटो रिक्शा का उपयोग करते हैं। कई बार यात्रियों को चालक की पहचान या वाहन विवरण की जानकारी न होने से असुविधा या सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। इस पहल के माध्यम से अब हर ऑटो रिक्शा में मालिक और चालक की पूरी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहेगी, जिससे किसी भी स्थिति में पुलिस को वाहन की पहचान और कार्रवाई करने में आसानी होगी। साथ ही, यात्रियों को भी यह भरोसा रहेगा कि वे सुरक्षित वाहन में सफर कर रहे हैं।
शुभारंभ समारोह और प्रमुख अतिथि
इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ 4 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को सुबह 11 बजे किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन यातायात कार्यालय, दिल्ली दरवाजा, उदयपुर के सामने होगा। इस अवसर पर उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलचंद मीणा, पुलिस महानिरीक्षक (उदयपुर रेंज), जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल सहित शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, और विभिन्न ऑटो यूनियनों के पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। समारोह में अधिकारियों द्वारा इस पहल की प्रक्रिया और उद्देश्यों की जानकारी दी जाएगी तथा पहला स्टिकर लगाकर अभियान की शुरुआत की जाएगी।
स्टिकर लगाने की प्रक्रिया
स्टिकर लगाने की यह प्रक्रिया 15 दिनों तक निरंतर जारी रहेगी। इस दौरान सभी ऑटो रिक्शा चालकों और मालिकों को अपने वाहन की जानकारी यातायात कार्यालय में जमा करवानी होगी, ताकि सही और प्रमाणित विवरण स्टिकर पर दर्शाया जा सके। जिन ऑटो स्वामियों ने अब तक अपनी जानकारी प्रस्तुत नहीं की है, उन्हें शीघ्रता से आवश्यक विवरण जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।
यदि कोई चालक या मालिक निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी जानकारी नहीं देता है, तो उसे स्वयं यह कार्य करवाना अनिवार्य होगा। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें चालान या वाहन जब्ती जैसी सज़ा भी शामिल हो सकती है।
यातायात सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इस कार्यक्रम के अवसर पर IIFL फाउंडेशन की ओर से यातायात पुलिस कर्मियों को ISI मार्का हेलमेट भी वितरित किए जाएंगे। यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पुलिस कर्मियों को उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट उपलब्ध कराए जाने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी और जनता में भी हेलमेट पहनने की जागरूकता बढ़ेगी।
अधिकारियों के विचार
इस पहल के बारे में बात करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने कहा कि,
“उदयपुर एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां आने वाले हर यात्री की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। ऑटो में चालक और वाहन की जानकारी प्रदर्शित होने से किसी भी प्रकार की शिकायत या आपात स्थिति में पुलिस को तत्काल सहायता प्रदान करने में आसानी होगी।”
वहीं, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि,
“यह अभियान न केवल सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि उदयपुर को एक जिम्मेदार और स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।”
निष्कर्ष
जिला पुलिस की यह पहल न केवल एक प्रशासनिक कदम है, बल्कि यह सुरक्षित और पारदर्शी यातायात व्यवस्था की ओर बढ़ता हुआ एक बड़ा कदम है। इस योजना से यात्रियों को सुरक्षा का आश्वासन मिलेगा, साथ ही ऑटो चालकों और मालिकों के बीच भी जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी।
उदयपुर पुलिस द्वारा शुरू की गई यह पहल अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम शहर की यातायात व्यवस्था में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेंगे।